देश के एक बड़े अंग्रेजी अखबार में शालिनी की आत्महत्या की खबर बड़े-बड़े अक्षरों में छपी थी। इंदौर में रहने वाली 16 साल की शालिनी की आत्महत्या उतनी बड़ी खबर नहीं थी, जितनी बड़ी उसके आत्महत्या की वजह। टेलीविजन न्यूज चैनलों पर दिखाए जाने वाले महाविनाश की खबर देखकर वो परेशान हो चुकी थी। इसी उधेड़बुन में उसने आत्महत्या कर ली थी। हालांकि न्यूज चैनल पहले भी दो-तीन बार महाविनाश की चेतावनी दे चुके थे, लेकिन इस बार महामशीन को लेकर महाविनाश का हो हल्ला कुछ ज्यादा ही जोर शोर से मचा रहे थे। ऐसे में विनाश की पहली झलक नजर आने लगी थी। फिर क्या था सारे पत्रकार पहुंच गए इंदौर में शालिनी के घर। पूरा मजमा लगा हुआ था। जैसे ही शालिनी के पिता घर से बाहर निकले। पत्रकारों ने सवालों के तोप गोले दाग दिए
- शालिनी ने क्यों आत्महत्या की?
- क्या शालिनी वाकई डरी हुई थी?
- क्या ये आत्महत्या महाविनाश का असर है?
- क्या शालिनी की मौत महाविनाश की पहली कड़ी है?
शालिनी के पिता ने पहले तो सारे पत्रकारों को घूरते हुए गुर्राया... औऱ फिर अचानक संयमित होकर कहा कि शालिनी ने तीन गलती की। पहली गलती तो ये थी कि मना करने के बावजूद उसने न्यूज चैनल देखा। दूसरी गलती ये थी कि इसे सच मान लिया। और तीसरी और आखिरी गलती ये थी कि आखिर तक वो इन तथाकथित चैनलों को न्यूज चैनल ही मानती रही।
हरीश चंद्र बर्णवाल
गुरुवार, 19 मार्च 2009
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